THE DEFINITIVE GUIDE TO SIDH KUNJIKA

The Definitive Guide to sidh kunjika

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देवी माहात्म्यं दुर्गा द्वात्रिंशन्नामावलि

श्री लक्ष्मी अष्टोत्तर शतनाम स्तोत्रम्

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नामावलि

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति त्रयोदशोऽध्यायः

धां धीं धू धूर्जटे: पत्नी वां वीं वूं वागधीश्वरी।

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति चतुर्थोऽध्यायः

सिद्ध कुंजिका स्तोत्र का पाठ करने से विपदाएं स्वत: ही दूर हो जाती हैं और समस्त कष्ट से more info मुक्ति मिलती है। यह सिद्ध स्त्रोत है और इसे करने से दुर्गासप्तशती पढ़ने के समान पुण्य मिलता है।

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति द्वितीयोऽध्यायः

धां धीं धूं धूर्जटेः पत्नीः, वां वीं वागधीश्वरी तथा।

जाग्रतं हि महादेवि जप ! सिद्धिं कुरूष्व मे।।

श्री दुर्गा अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः

ॐ अस्य श्रीकुंजिकास्तोत्रमंत्रस्य सदाशिव ऋषिः, अनुष्टुप् छंदः,

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